आपदा पूर्व प्रशिक्षण एवं सुनियोजित प्रबन्धन से मानव जीवन की हानि को काफी हद तक कम करना संभव है:अनिल वर्मा

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  देहरादून: शिविर का उद्घाटन इंडियन रेडक्रास सोसायटी की नेशनल डिजास्टर वाटसन रिस्पांस टीम के सदस्य व मास्टर  ट्रेनर अनिल वर्मा , पेस्टालाॅजी चिल्ड्रंस सोसायटी की निदेशक चिमी पैल्डोन, पेस्टोरल ऑफिसर उपासना घाले  तथा कु० शैलजा ने फीता काटकर किया।अनिल वर्मा ने बतौर मुख्य प्रशिक्षक कहा कि आपदा प्रबंधन केवल सरकारी दायित्व नहीं है। शत्रु देश से युद्ध , आतंकवादी घटनाओं अथवा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार का सहयोग करने के लिए आम जनता का प्रशिक्षित होना बेहद जरूरी है।

     आपदाएं प्राकृतिक हों या मानव जनित किसी भी क्षण घटित हो सकती हैं। प्राकृतिक आपदाओं को रोका तो नहीं जा सकता परन्तु नियंत्रित अथवा सीमित किया जा सकता है। आपदा पूर्व प्रशिक्षण एवं सुनियोजित प्रबन्धन से मानव जीवन तथा संपत्ति की हानि को काफी हद तक कम करना संभव है। वर्मा ने महिलाओं एवं पुरुषों को आपदाओं से पूर्व, दौरान तथा पश्चात लोगों के जान – माल की सुरक्षा के तरीकों का सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि आपदा घटित होने के पश्चात सबसे बड़ी समस्या  मलबे या क्षतिग्रस्त भवनों   के अंदर  से  घायलों तथा रोगियों को ढूंढने, सुरक्षित निकालकर ले जाने तथा प्राथमिक उपचार देकर उनका जीवन बचाने की होती है।*

          शिविर में सर्च एण्ड रेस्क्यू में इमरजेंसी मैथड्स ऑफ रेस्क्यू के व्यावहारिक प्रशिक्षण के  तहत हयूमन क्रैडल, ह्यूमन क्रच , क्लब्ड  हैंड्स,पिक- अबैक, रिवर्स पिक – अबैक, क्लाॅथ लिफ्ट , फायरमैन्स लिफ्ट , टो- ड्रैग,  टू-थ्री -फोर हैंड्स सीट,फोर एण्ड आफ्ट मैथड का प्रशिक्षण दिया।रोप रेस्क्यू के तहत रस्सी में विभिन्न प्रकार की गांठें लगाकर घायलों को सुरक्षित निकालने व ऊपर से नीचे उतारने अथवा नीचे  से ऊपर ले जाने के विशेष तरीकों का प्रशिक्षण दिया।

  प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण के तहत रक्तस्राव , घाव , मूर्छा , हड्डी टूट एवं मोच, सांप -बिच्छू- ततैये या कुत्ते आदि द्वारा काटने ,नकसीर, घुटन, पानी में डूबना, वस्तु का निगलना, ज़हर निगलना,  आग से जलना -झुलसना , मिर्गी का दौरा, ब्लड शुगर या बीपी  आदि की प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया।

         विशेष प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण के तहत हार्ट अटैक के दौरान पीड़ित व्यक्ति को सी० पी० आर० (कार्डियो पल्मोनरी रीससिटेशन ) प्रक्रिया के माध्यम से  मृतप्राय व्यक्ति को कृत्रिम श्वसन एवं छाती पर दबाव द्वारा  प्रदान करने का विधिवत् व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।शिविर संचालिका पेस्टालाॅजी ऑफीसर उपासना घाले ने कहा कि आपदाएं एवं दुर्घटनाएं  बता कर नहीं आतीं  इसलिए हमें किसी अनहोनी से निपटने के लिए पहले से ही सतर्क और तैयार रहना चाहिए। इसके  लिए शिक्षित एवं प्रशिक्षित होना बेहद जरूरी है।

    शिविर  अध्यक्षा व संस्था की निदेशक चिमी पैल्डोन ने प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर  की सफलता की सराहना करते हुए इसे युद्ध अथवा शांतिकाल में  घर हो या बाहर प्रत्येक व्यक्ति के लिए अति उपयोगी बताया। उन्होंने उत्कृष्ट प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु प्रशिक्षक अनिल वर्मा को “सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन” तथा पुरस्कार ” प्रदान करके सम्मानित कि शिविर का समापन टीम लीडर श्रीमती अनिला के नेतृत्व में रेस्क्यू तथा फर्स्ट एड के कुशल प्रदर्शन से हुआ।