विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हाल ही में पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज को अधिकारियों द्वारा बायपास करने (ठिकाने लगाने) का मामला सामने आया है, जिसमें अधिकारियों द्वारा बिना विभागीय मंत्री का अनुमोदन लिए पंचायती राज विभाग में आमूलचूल परिवर्तन कर दिए यानी अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत में वीडीओ एवं वीपीडीओ की दोहरी व्यवस्था को खत्म किया गया एवं ब्लॉक स्तर पर खंड विकास अधिकारियों के अधिकार बढ़ाने के आदेश किए थे । इस आदेश को निरस्त करने के लिए श्री महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए, लेकिन इनको ताक पर रख दिया गया, जिस पर सतपाल महाराज ने मा. मुख्यमंत्री से गुहार लगाकर आदेश को निरस्त करवाया।
नेगी ने कहा कि विभागीय मंत्री की कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ दिन पहले इनके डिजिटल हस्ताक्षर चुरा ले गए थे तथा पूर्ववर्ती कार्यकाल में सिंचाई मंत्री रहते हुए इनके द्वारा विभागीय अधिकारियों से नाराजगी जाहिर की गई थी कि आप मुझे ताक पर क्यों रख रहे हैं। यानी अधिकारी उनसे लेना सलाह लेने या अनुमोदन लेने तक गवारा नहीं समझते थे । मंत्री श्री महाराज की अनुभवहीनता एवं निकम्मेपन को इस बात से भी समझा जा सकता है कि इनके द्वारा पूर्व में अपने दायित्व का कार्य विभाजन कर 2-4 मामले अपने पास रख कर सभी मामलों के अधिकार संबंधित अधिकारियों को सौंप दिए थे, जिसके चलते अधिकारी मनमानी करने से बाज नहीं आते थे यानी महत्वपूर्ण मामलों में भी इनको नजरअंदाज कर दिया जाता था। मोर्चा मुख्यमंत्री से मांग करता है कि ऐसे लाचार मंत्री को बाहर का रास्ता दिखाएं। पत्रकार वार्ता में हाजी असद, विकास पंवार, प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे।