अक्षय तृतीया पर जैन समाज ने भगवान किया स्मरण

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देहरादून। अक्षय तृतीया का जैन धर्म में विशेष महत्व है इस पर्व को बड़ी श्रद्धा साथ मनाया जाता है। अक्षय तृतीया के पर्व पर प्रातः श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर माजरा में श्री जी का अभिषेक पूजन एवम शांतिधारा परमपूज्य क्षुल्लक श्रीसमर्पण सागर के सानिध्य में किया गया,जिसमे जैन मिलन सुभाष नगर के सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए।क्षुल्लक श्री ने जैन धर्म में अक्षय तृतीया का महत्व एवम इसको मानने की कथा सुनाते हुए कहा कि प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ तपस्या के बाद आहार को निकले लेकिन लोगो को आहार दान की विधि ज्ञात नही होने के कारण वह छह माह तक निराहार घूमते हुए हस्तिनापुर पहुंचे।
वहां के राजा श्रेयांश नाथ को पिछले जन्म का स्मरण हुआ और उन्हें ज्ञात हुआ की ये तीर्थंकर है जो आहार लेने के लिए आए है उसने उनको भक्ति पूर्वक आहार हेतु निवेदन किया और गन्ने का रस आहार में दिया ,तब से ही यह तिथि अक्षय हो गई इस दिन किया गया कोई भी दान पुण्य कभी समाप्त नहीं होता। इसके पश्चात जैनमिलन चेतना के द्वारा मंदिर जी मैं भजन कीर्तन एवम धार्मिक प्रश्न मंच का आयोजन किया। उसके पश्चात आठ बजे से मंदिर जी के मुख्य द्वार पर इक्षु रस का वितरण किया गया।

जिसमे जैन समाज सहित अन्य समाज के दो हजार से अधिक व्यक्तियों ने इक्षू रस ग्रहण किया,इस रस वितरण को मिलन के पूर्व अध्यक्ष वीर अनिल जैन,एवम सांस्कृतिक संयोजिका वीरांगना रजनी जैन द्वारा प्रायोजित किया गया।इन सब कार्यों में जैन मिलन सुभाष नगर के संरक्षक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता वीर राजीव जैन,अध्यक्ष गोपाल सिंघल मंत्री फकीर चंद जैन,सदस्य दिनेश जैन , आदिश जैन,प्रतीक जैन,अमित जैन,प्रवीण जैन,प्रतीक जैन मिलन चेतना की अध्यक्ष वीरांगना सारिका जैन,मंत्री सुनीता जैन,रीना सिंघल,सारिका जैन,पूनम जैन शेफाली जैन सहित मिलन के सभी सदस्यों और वीरांगनाओ ने सहयोग किया।