हास्यास्पद चुनाव प्रक्रिया पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

Spread the love

देहरादून। वाईएचएआई के आजीवन सदस्यों अन्य युवाओंसामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर दिल्ली राज्य के स्थानीय निकाय चुनाव में घोर विसंगतियों और अच्छी तरह से स्थापित नियमों के उल्लंघन को उजागर करने की कोशिश की गईवाईएचएआई के ट्रेकिंग अभियानों के दौरान मारे गए युवाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए इंडिया गेट पर एक कैंडल लाइट मार्च निकालने की योजना बनाई और उन्होंने केंद्रीय युवा मामलों के मंत्री श्री अनुराग ठाकुर और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया ताकि स्वच्छता बहाल हो सके।

यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया एक राष्ट्रीय स्तर का एनजीओ है। वाईएचएआई आम जनता के लिए देश भर में ट्रेकिंग, फैमिली कैंपिंग कार्यक्रम आदि आयोजित करने के लिए जाना जाता है और इन कार्यक्रमों को डीओपीटी, भारत सरकार सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकार। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, न्यायालयों आदि मैं कार्यरत कर्मचारियों  द्वारा एक वर्ष में 30 दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश प्राप्त करने के लिए पात्र हैं और कार्यक्रम शुल्क आदि की प्रतिपूर्ति भी प्राप्त करते हैं, बशर्ते वे इन कार्यक्रमों में भाग लें। वाईएचएआई एक तीन स्तरीय संगठन है जिसमें इकाई, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर निकाय/अध्याय हैं। सरकार के लिए बड़ा लाभार्थी रहा है, फंड और यहां तक कि हाल के वर्षों में इसके वित्तीय विवरण अध्ययन करने से पता चलता है की सरकार द्वारा 68.63 लाख रुपये की सहायता/निधि प्राप्त हुई है

हालाँकि, हाल ही में वाईएचएआई अपने अपारदर्शी कामकाज और धन के दुरुपयोग के संबंध में कई गलत कारणों से चर्चा में है, जिसके कारण आरटीआई को लागू करने सीएजी द्वारा खातों के ऑडिट, हाल के वर्षों में 20 से अधिक युवाओं की मृत्यु, और चल रही दिल्ली राज्य शाखा की हास्यास्पद चुनाव प्रक्रिया में वाईएचएआई चुनाव लोकतंत्र का मजाक उड़ा रहा है

श्री हेमंत कुमार शर्मा ने कहा कि इन सभी विवादास्पद तत्वों के बीच, चुनाव का संचालन अलग है, क्योंकि यह लोगों को दिखाता है कि कैसे लोकतंत्र की बेरहमी से हत्या की जा सकती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वाईएचएआई के राज्य अध्यक्ष और राज्य अध्यक्ष दोनों कई वर्षों से दिल्ली से बाहर रह रहे हैं, लेकिन फिर भी, वे चुनाव लड़ने के योग्य हैं। प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश सभापति दोनों अलग-अलग पदों के लिए क्रमशरू मध्य दिल्ली और पूर्वी दिल्ली इकाइयों से चुनाव लड़ रहे हैं।

सुश्री सुमन लता ने कहा कि दिल्ली राज्य शाखा के आजीवन सदस्यों को चल रहे चुनावों के संबंध में कोई ईमेल या लिखित संचार नहीं भेजा गया था और दिल्ली स्टेट का वेबसाइट भी कभी कबार ही चलता है।

चुनाव कराने के इस अविवेकपूर्ण तरीके ने सचमुच वाईएचएआई दिल्ली राज्य शाखा के आजीवन सदस्यों को निराश किया है और वे इस प्रथा को अपने मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन मानते हैं। इस पूरे प्रकरण में युवाओं में भी भारी रोष व्याप्त है जोकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी भारी संख्या की उपस्थिति उपस्थिति से उजागर होता है।