लखीमपुर खीरी में जो भी हुआ वह भा ज पा का एक सुनियोजित कृत्य था

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देहरादून : लखीमपुर खीरी किसानों की निर्मम हत्या एवं प्रियंका गांधी वाड्रा को जबरन गिरफ्तार करने के विरोध में आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा कर मंत्री का बेटा अपनी गाड़ी से प्रदर्शन कर रहे, किसानों को रौंद देता है और पुलिस 3 दिन बीत जाने के बाद भी अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं कर पाती अभियुक्त खुलेआम घूम रहा है और अपने बयान जनता में साझे कर रहा है।भारतीय जनता पार्टी का यह कृत्य कहावत सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का को चरितार्थ करता है जो अन्नदाता पिछले 9 महीने से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत है सरकार जिन के आंदोलन को धनबल के दम पर भी खत्म नहीं कर पा रही है तो अब किसानों की हत्या पर उतर आई है किसानों की हत्या से पहले ही हरियाणा के मुख्यमंत्री का एक वीडियो सामने आ रहा है इसमें उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को लट्ठ तैयार करके जैसे को तैसा देने की बात कही थी लखीमपुर खीरी में जो भी हुआ वह भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक सुनियोजित कृत्य था।आज देश में ना ही किसी व्यक्ति को बोलने का अधिकार प्राप्त है ना ही किसी व्यक्ति को प्रदर्शन करने का अधिकार प्राप्त है क्योंकि जो गलत के खिलाफ बोलेगा उसके साथ इसी तरीके का व्यवहार किया जाएगा यही  दर्शाना चाहती है भारतीय जनता पार्टी और लोगों के मन में डर पैदा करना चाहती हैं। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के साथ पुलिस द्वारा इस तरह का बर्ताव किया गया इससे यह समझ आता है कि जब राष्ट्रीय लेवल का नेता उत्तर प्रदेश में सुरक्षित नहीं है तो आम जनमानस का क्या हाल होगा।प्रियंका मृतक किसानों के परिजनों से मिलने जा रही थी पर सरकार से छुपाना चाहती है इसलिए प्रियंका को हर जगह रोकने का प्रयास किया गया और जब बात नहीं बनी तो उन्हें बिना किसी एफ आई आर के 35 घंटे से ज्यादा हो गए हैं अभी भी गिरफ्तार करके रखा हुआ है यह देश के कानून का भी उल्लंघन करता है और संविधान का भी, जिस व्यक्ति पर 6 किसानों की हत्या का आरोप लगाकर जेल में भेजना चाहिए था वह खुलेआम घूम रहा है और सच की लड़ाई लड़ने वाला व्यक्ति कैद में है।मानवाधिकार आयोग से यह सिफारिश की है कि वह उत्तर प्रदेश की पुलिस एवं प्रशासन को कड़े निर्देश है कि वह प्रियंका गांधी को तुरंत रिहा करें और दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करें।