देहरादून।भारतीय गोर्खा परिसंघ उत्तराखण्ड का 6वाँ त्रैवार्षिक अधिवेशन एवं नवीन कार्यकारिणी के चुनाव गोर्खाली सुधारसभा के मानेकशा सभागार में ब्रिगेडियर पी०एस०गुरूंग ;अ०प्रा०द्धकी अध्यक्षता में सम्पन्न हुए अध्यक्ष कर्नल जीवन कुमार क्षेत्री ;अ०प्रा०द्ध ने उपस्थित महानुमवभावों का स्वागत अभिनंदन किया एवं विगत तीन वर्षों के कार्य एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला द्य कोषाध्यक्ष श्री ओ०पी०गुरूंग ने आय .व्यय की वित्तीय रिपोर्ट प्रस्तुत की द्यभारतीय गोर्खा परिसंघभारतवर्ष के 26 राज्यों में सक्रिय राष्ट्रीय स्तर की गैर राजनैतिक संस्था है जो समाजहित विकाह एवं उत्थान हेतु अनवरत कार्यरत है द्यवार्षिक अधिवेशन के दूसरे चरणमें चुनाव समिति .. कर्नल भूपेंद्र क्षेत्री ए ले०कर्नल नारायण थापा एवं श्री कमल क्षेत्री द्वारा नयी कार्यकारिणी के चुनाव सम्पन्न हुए द्य ’नवनिर्वाचित कार्यकारिणी’रू.. ’संरक्षक’ ..डाॕ०सावित्री हमाल ’सलाहकार’.ब्रिगेडियर पी०एस०गुरूंगश्री मेग बहादुर थापाकै०आर०एस०थापा’१द्धअध्यक्ष’ . कर्नल जीवन कुमार क्षेत्री’२द्ध कार्यकारी अध्यक्ष’ . प्रो०आर०एस०राना ’३द्ध उपाध्यक्ष’ . श्री नील कुमार थापा श्री पी०एन०राई श्रीमती दीपा शाही’४द्धमहासचिव’. श्री सी०के०राई ’५द्धसहसचिव’. श्री दुर्गा बहादुर क्षेत्री श्रीमती शमा गुरूंग ’६द्ध कोषाध्यक्ष’ . श्री ओ०पी०गुरूंग’७द्ध सहकोषाध्यक्ष’. श्री गोविंद पंथी ’८द्ध संगठन सचिव’ . श्री रमन थापा ’१०द्ध सांस्कृतिक संयोजक’ . श्री श्याम प्रकाश राई ’११द्ध सह संयोजक’ . श्रीमती यम कुमारी राना ’१३द्धमहिला परिसंध अध्यक्षा’. श्रीमती संध्या राई ’१४द्ध सचिव’ . श्रीमती निर्मल मल्ल’१५द्ध कानूनी सलाहकार’ . श्री नीरज थापाए अधिवक्ताइस अवसर पर समाज एवं समुदाय की निस्वार्थ उत्कृष्ठ सेवा हेतु कै० आर०एस०थापा एवं श्री शेरजंग राना को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया द्य
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एयूएस ने 32 हजार वर्ग किमी की ड्रोन मैपिंग के लिए सर्वे ऑफ इंडिया का बड़े पैमाने पर मैपिंग का पहला अनुबंध हासिल किया
Spread the loveदेहरादून, 30 जनवरी 2022 : एयूएस (आरव अनमैन्ड सिस्टम्स), ड्रोन संबंधी संपूर्ण समाधान मुहैया कराने वाले भारत के प्रमुख स्टार्टअप, ने सर्वे ऑफ इंडिया से बड़े पैमाने की एक मैपिंग का अनुबंध हासिल किया हैकंपनी इस परियोजना के तहत, हरियाणा के करीब 32 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र की मैपिंग के लिए प्रदेश में लगभग 44 ड्रोन तैनात करेगी और इस कार्य के क्रियान्वयन में लगभग 14 करोड़ रुपये का खर्च आएगाएयूएस खुद से तैयार किये गये सर्वेक्षण दर्जे वाले (सर्वे ग्रेड) ड्रोन्स को तैनात करेगा ताकि एकदम सटीक तस्वीरों को कैद किया जा सके जिन्हें बाद में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा प्रोसेस किया जाएगाइससे जमीन के रिकॉर्ड्स को डिजिटल बनाकर रेवेन्यू मैप्स एवं जीआइएस डेटाबेस को अपडेट करने में मदद मिलेगीयह अपनी तरह की पहली परियोजना होगी जिसे किसी भी राज्य में बड़े पैमाने की मैपिंग के लिए सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा दिया गया हैइससे पहले, एयूएस को पिछले साल सर्वे ऑफ इंडिया से स्वामित्व योजना के तहत 4 राज्यों में गांवों की मैपिंग के लिए 80 ड्रोन्स तैनात करने का अनुबंध मिला था। अभी तक, एयूएस ने लगभग 10 हजार गांवों की मैपिंग की है और उत्तराखंड में गांवों की मैपिंग के लिए अपने अनुबंध को सफलतापूर्वक पूरा भी कर लिया है। एयूएस के सीईओ और संस्थापक विपुल सिंह ने यह परियोजना मिलने पर अपनी बात रखते हुए कहा,“एयूएस सर्वे ऑफ इंडिया से हरियाणा में बड़े पैमाने पर मैपिंग की इस प्रतिष्ठित परियोजना का अनुबंध हासिल कर काफी उत्साहित और गौरवान्वित हैं। इससे शहरी एवं ग्रामीण इलाकों दोनों के लिए सटीक रेवेन्यू मैप्स एवं जमीन के खण्डों के विकास में मदद मिलेगी इस परियोजना से हरियाणा में परिवहन, सिंचाई, पीने योग्य पानी की आपूर्ति आदि के लिए महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचे की योजना बनाने एवं इसकी डिजाइन तैयार करने में तेजी लाने में मदद मिलेगी। साथ ही यह भूमि संबंधी रिकॉर्ड्स को सुधारने में अहम भूमिका निभाएगाचार राज्यों, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में हमारी स्वामित्व परियोजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के बाद, यह सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से प्रदान की गई पहली बड़ी पैमाने की मैपिंग परियोजना हैएक कंपनी के रूप में हम बड़े पैमाने की प्रभावशाली परियोजनाओं के लिए सटीक, गहन और लागू किए जाने योग्य संपूर्ण समाधानों का निर्माण करते हैं।” पिछले 3 वर्षों में एयूएस ने अलगअलग प्रयोगों के लिए 50 लाख एकड़ के क्षेत्र का सर्वे किया है और विभिन्न सरकारी विभागों और टाटा स्टील और हिंडाल्को जैसे निजी उद्यमों की कई गंभीर समस्याओं का समाधान किया है। एयूएस के विषय मेंः एयूएस वर्ष 2013 में आईआईटी कानपुर में अपनी स्थापना के बाद से वाणिज्यिक अनुप्रयोग के लिए भारत में ड्रोन तकनीक विकास का नेतृत्व कर रहा है। एयूएस भारत में पीपीके जीपीएस-बेस्ड सर्वे ग्रेड वाले पूरी तरह से स्वायत्त ड्रोन बनाने और तैनात करने वाला पहला स्टार्ट-अप था। एयूएस छोटी श्रेणी के ड्रोन को डीजीसीए द्वारा प्रमाणित करने वाली पहली कंपनी भी है। एंटरप्राइज़-ग्रेड ड्रोन के लिए टेक्नोलॉजी बेंचमार्क और सीमाओं को आगे बढ़ाने के अलावा, एयूएस ने सर्वे-ग्रेड ड्रोन द्वारा एकत्र किए गए डेटा के सार्थक प्रभाव और मूल्यवर्धन को बढ़ाने के लिए डेटा संग्रह, प्रसंस्करण और विश्लेषण तकनीकों पर गहन रूप से काम किया है। एयूएस स्टार्टअप ऑक्सानो कैपिटल, कारसेमवेन फंड, स्टार्टअप एक्ससीड वेंचर्स, 3वन4 कैपिटल, ग्रोएक्स वेंचर्स, 500 ड्यूरियन और अशोक अतलुरी (ज़ेन टेक्नोलॉजीज के एमडी) आदि जैसे कुछ प्रसिद्ध अर्ली स्टेज के तकनीकी निवेशकों द्वारा समर्थित है।