देहरादून आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर अमृत महोत्सव के अंतर्गत वेस्ट वरियॉर्स संस्था एवं पेसिफिक मॉल ,राजपुर रोड ,देहरादून द्वारा *प्लास्टिक कचरा लाओ लजीज खाने का लुफ्त उठाओ* जो मुहिम की शुरुआत की गई, देहरादून के लोगों ने उसमे भरपूर सहयोग किया.01 और 02 अक्टूबर को पेसिफिक मॉल में संस्था द्वारा लोगों को प्लास्टिक कचरे एवं उसके प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के लिए एक स्टॉल लगाया गया जिसमें लोगो द्वारा प्लास्टिक कचरा घर से लाने पर माल मे खाना खाने का मज़ा लिया. इस पूरी मुहिम के पीछे मकसद था कि लोग अपने घर पर उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक कचरे को पहचाने और उसके रीसायकल के बारे में भी समझें.
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वरिष्ठ पत्रकार प्रेम प्रकाश की पुस्तक ‘रिपोर्टिंग इंडिया’ के हिंदी संस्करण का विमोचन
Spread the loveदेहरादून। देश के सुप्रसिद्ध पत्रकार प्रेम प्रकाश द्वारा लिखी गयी एक अतुलनीय पुस्तक ‘रिपोर्टिंग इंडिया’ के हिंदी अनुवाद का विमोचन दिल्ली में किया गया देश के सुप्रसिद्ध पत्रकार एवं इस पुस्तक के लेखक प्रेम प्रकाश, संजीव कपूर, नीलिमा डालमिया अधर (दिल्ली की अहसास वूमेन), वंदना सिंह और मनीषा जैन (प्रभा खेतान फाउंडेशन की ब्रांडिंग और कम्यूनिकेशन प्रमुख) की गरिमामयी उपस्थिति में राजनाथ सिंह जी ने इस पुस्तक के हिंदी संस्करण का विमोचन किया।प्रेम प्रकाश जी एक प्रतिष्ठित भारतीय पत्रकार और भारत की सबसे बड़ी टेलीविजन समाचार एजेंसी एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) के चेयरमैन हैं। उन्होंने आजादी के बाद के भारत की कुछ दिलचस्प और यादगार पहलुओं को कवर किया हैउन्होंने 1950 के दशक से सदी के अंत तक भारतीय उपमहाद्वीप में हुई प्रमुख घटनाओं की सूचना लोगों तक पहुंचायी है। वह फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका के अग्रणी विदेशी प्रसारकों के साथ भी काम कर चुके हैं।प्रेम प्रकाश जी द्वारा लिखी गयी अद्भुद जानकारी से भरी पुस्तक ‘रिपोर्टिंग इंडिया’ ‘माई सेवेंटी ईयर जर्नी ऐज ए जर्नलिस्ट’ के हिंदी अनुवाद का विमोचन देश के माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके अकबर रोड स्थित आवास पर किया। पुस्तक का हिंदी अनुवाद प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा किया गया है। इसे देश के विभिन्न कोने में साहित्यकारों और पाठकों तक पहुंचाने का नेतृत्व भी इसी संगठन ने लिया है। इस पुस्तक के हिंदी अनुवाद का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन द्वारा किया गया है।इस यादगार मौके पर मनीषा जैन ने देश के माननीय रक्षा मंत्री को स्मृति चिन्ह के तौर पर फाउंडेशन की पत्रिका ‘प्रभा’ के साथ देश के जानेमाने कलाकार सुदीप्त कुंडू द्वारा डिजाइन की गई ‘प्रभा’ अंकित सिरेमिक प्लेट भेंट की।प्रभा खेतान फाउंडेशन साहित्य और अनुवाद के प्रति गहरा सम्मान रखता है, क्योंकि अनुवाद एक दूसरे के बारे में जानने और एक दूसरे से सीखने का अवसर प्रदान करता है। भारत एक ऐसा देश है, जिसके विभिन्न राज्यों में रहनेवाले लोग आपस में सैकड़ों भाषाएं बोलचाल में प्रयोग करते हैं, अनुवाद शब्दों और विचारों को समय और भौगोलिक दायरे के जरिये अपनी भाषा को समझाने में सक्षम बनाता है।